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वन्यजीव संरक्षण की योजनाएँ

प्रोजेक्ट टाइगर (केंद्र द्वारा पुरोनिधानित) भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त पोषण से यह योजना बाघ एवं उसके प्राकृतवास के संरक्षण हेतु कार्यान्वित की जा रही है। दुधवा राष्ट्रीय पार्क मुख्यतः भारत सरकार की योजना-"प्रोजेक्ट टाइगर" से वर्ष 1987 में आच्छादित किया गया। कालान्तर में किशनपुर वन्यजीव विहार एवं कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार को भी इसके साथ रख कर इसे संयुक्त रूप से भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना-"प्रोजेक्ट टाइगर" के अन्तर्गत लाया गया एवं दुधवा टाइगर रिज़र्व का नाम दिया गया। वर्ष 2014-15 से पीलीभीत वन प्रभाग को "प्रोजेक्ट टाइगर" में सम्मिलित कर लिया गया है।

इन्टीग्रेटेड डेवलेपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ हैबिटेट्स (केंद्र द्वारा पुरोनिधानित) यह योजना भारत सरकार की सहायता से प्रदेश के समस्त पक्षी विहारों एवं वन्यजीव विहारों के विकास एवं प्रबंधन हेतु क्रियान्वित की जा रही है। इसके अन्तर्गत क्षेत्र पारिस्थितिकीय विकास कार्यो को भी कराया जाता है |

प्रोजेक्ट एलिफैंट (केंद्र द्वारा पुरोनिधानित)यह योजना भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा औपचारिक रूप से विज्ञापित एलिफैंट रिज़र्व हेतु चलाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत हाथी के प्राकृतवासों की सुरक्षा व संरक्षण, अवैध शिकार विरोधी गतिविधियाँ, मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थितियों के अल्पीकरण, स्थानीय समुदायों में वन्यजीव संरक्षण के प्रति चेतना व जागरूकता उत्पन्न करना आदि कार्यों के लिए यह वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। उत्तर प्रदेश में ३ वन प्रभागों, शिवालिक, बिजनौर सामाजिक वानिकी एवं नजीबाबाद वन प्रभाग, जिनमें हाथियों की बहुतायत है, इस योजना के लिए चिन्हित किये गये हैं।

नेशनल प्लान फॉर कन्जरवेशन ऑफ़ एक्वेटिक ईको सिस्टम (केंद्र द्वारा पुरोनिधानित) नेशनल प्लान फॉर कन्ज़र्वेशन ऑफ़ एक्वेटिक ईको सिस्टम पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के नेशनल वेटलैण्ड कन्जरवेशन प्रोग्राम के तहत चलाई जा रही थी। भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित की जा रही योजना राष्ट्रीय वेटलैण्ड संरक्षण कार्यक्रम तथा नेशनल लेक कन्जरवेशन प्लान को समाहित करते हुए नई योजना नेशनल प्लान फॉर कन्ज़र्वेशन एक्वेटिक ईको सिस्टम वर्ष 2013-14 से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। यह नई योजना भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा 70:30 के अनुपात में संचालित की जानी है। इस योजना का उद्देश्य संरक्षित तथा गैर संरक्षित वेटलैण्ड की सुरक्षा, प्राकृत वास सुधार, कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट, शोध, स्थानीय समुदायों के साथ भागीदार प्रबंध एवं जल गुणवत्ता अनुश्रवण आदि मदों में सहायता पहुँचाना है। इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा विशिष्ट वेटलैण्ड्स के ५ वर्षीय मैनेजमेंट इंटरवेंशन ऐक्शन प्लान के आधार पर वार्षिक वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है।

13वें वित्त आयोग की संस्तुतियों का क्रियान्वयन (अतिरिक्त केंद्रीय सहायता)

तेरहवें वित्त आयोग द्वारा वन एवं वन्य जीव विभाग उत्तर प्रदेश के लिए वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक के लिए रु० 80.48 करोड़ की पंचवर्षीय कार्ययोजना (वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक) शासन को अनुमोदन हेतु प्रेषित की गई थी, जिसके सापेक्ष रु० 80.4800 करोड़ की समेकित पंचवर्षीय कार्य योजना अनुमोदित हुई है। सम्पूर्ण प्रदेश में यह योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत खुले वनों का घनत्व बढ़ानें के लिए वृक्षारोपण कार्य, फॉयर लाइन की मरम्मत (पुलिया सहित), सीमांकन (बाउण्ड्री पिलर निर्माण सहित), आवासीय भवनों की मरम्मत वन एवं वन्य जीव विभाग के आधुनिकीकरण योजना के अपूर्ण भवनों का निर्माण, संचार व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण, प्रचार-प्रसार कार्य, सूचना तकनीकी प्रणाली का विकास, एप्रोच मार्गो पर ब्रिक गार्ड वृक्षारोपण आदि कार्य कराये जा रहे हैं।

राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम (वन विकास अभिकरण के माध्यम से)

यह योजना वर्ष २०००-०१ से कार्यान्वित की जा रही है। इसके अंतर्गत जन मानस को वनों की सुरक्षा एवं संर्वद्धन के कार्य से जोड़ने हेतु प्रदेश के प्रत्येक प्रभाग में भारत सरकार से प्राप्त मार्ग निर्देश के अनुसार वन विकास अभिकरण का गठन किया गया हैं। इसके अंतर्गत प्रभाग स्तर पर गठित वन विकास अभिकरण द्वारा अधिकाधिक केन्द्रीय सहायता प्राप्त कर जनसहभागिता के माध्यम से वानिकी कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत जिन गावों का चयन किया जाता है, वहॉ के स्थानीय निवासियों के सहयोग से वनों का संरक्षण, विकास व संवर्द्धन किया जाता है। प्रारम्भ से अब तक प्रदेश में 72 वन प्रभागों में एफ०डी०ए० का वित्त-पोषण भारत सरकार द्वारा किया गया है।

इन्टेंसीफिकेशन ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (केंद्र द्वारा पुरोनिधानित)

भारत सरकार द्वारा 45 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत वित्त पोषण से वनों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह योजना कार्यान्वित की जा रही है। योजनान्तर्गत वनों की अग्नि से सुरक्षा, वनों की सुरक्षा हेतु आवश्यक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंध योजना का निरूपण, फील्ड सर्वे, सीमांकन आदि से सम्बन्धित कार्य करायें जाते हैं।

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