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  • पर्यावरण, वन और जलवायु
    परिवर्तन विभाग
  • उत्तर प्रदेश सरकार

1.सामाजिक वानिकी

यह राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित वृक्षारोपण की मुख्य योजना है। प्रदेश के समस्त जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाष्ठ, ईंधन एवं चारा पत्ती तथा लघु वन उपज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न प्रकार की सामुदायिक भूमि, नहर, रेल, तथा सड़क के किनारे उपलब्ध भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाता है। ग्रामीणों को लघु काष्ठ उद्योग हेतु कच्चे माल की उपलब्धता इस कार्य से सुनिश्चित होती है। वित्तीय स्रोत के अनुसार यह योजना निम्न प्रकार कार्यान्वित है

सामाजिक वानिकी योजना (सामान्य) यह योजना प्रदेश के सभी जनपदों में संचालित है। वर्ष 2011-12 तक कार्यान्वित औद्योगिक पल्पवुड वृक्षारोपण योजना वर्ष 2012-13 से समाप्त हो गई है। इस योजना के वचनबद्ध कार्य सामाजिक वानिकी योजना में सम्मिलित किये गये हैं।

सामाजिक वानिकी-स्पेशल कम्पोनेन्ट सब प्लान अनुसूचित जाति के कल्याणार्थ समाज कल्याण विभाग से स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से सामाजिक वानिकी योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति का बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्य कराया जाता है।

सामाजिक वानिकी-ट्राइबल सब प्लानप्रदेश के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में समाज कल्याण विभाग से ट्राइबल सब प्लान के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से सामाजिक वानिकी योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की सामुदायिक भूमि आदि पर वृक्षारोपण कार्य कराया जाता है।

2.शहरी क्षेत्रों में सामाजिक वानिकी

शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण एवं सौन्दर्यीकरण हेतु सडकों के किनारे खाली पड़ी भूमि एवं पार्कों की भूमि में शोभाकार व छायादार वृक्षों का वृक्षारोपण इस योजना में किया जाता है।

3.हरित पट्टी विकास योजना

माननीय मुख्य मंत्री जी की प्राथमिकताओं में हरित पट्टी के विकास को प्राथमिकता पर रखा गया है। इसको दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2012-13 में वन निगम के वित्त पोषण से वृक्षारोपण कराया जा रहा है तथा वित्तीय वर्ष 2013–14 से हरित पट्टी विकास योजना प्रारम्भ की गई है। सम्पूर्ण प्रदेश में यह योजना क्रियान्वित की जा रही है।

विभाग में कार्यान्वित राज्य पोषित अन्य योजनाएँ


भवन निर्माण

वनों में कार्यरत वन कर्मियों के लिये आवासीय भवनों तथा विभागीय कार्यालयों एवं अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु यह योजना संचालित की जा रही है।

वीर अब्दुल हमीद वन, वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार योजना

वृक्षावरण बढ़ाने, वन्य जीवों तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रशंसनीय कार्य करने वाले व्यक्ति/संगठन को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से वर्ष 2012-13 से योजना प्रारम्भ की गई है, जिससे समाज में वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की भावना जागृत होगी।

वन सम्बन्धी शोध कार्य एवं प्रसार

वन अनुसन्धान का कार्य मुख्य वन संरक्षक (अनुसन्धान), उ०प्र०, कानपुर के अधीन कार्यरत वन वर्धनिक, साल क्षेत्र (बरेली), दक्षिणी क्षेत्र (कानपुर) एवं विंध्य क्षेत्र (रामनगर, वाराणसी) के माध्यम से सम्पादित किया जाता है। विभागीय वृक्षारोपण, अन्य एजेंसियों अथवा निजी भूमि पर कृषकों द्वारा किये जाने वाले वृक्षारोपण की उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिए आवश्यक है कि उच्च गुणवत्तायुक्त पौध उपलब्ध हो। उच्च गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करने के लिए चयनित बीज स्रोतों से ही बीज आपूर्ति का विशेष महत्व है।.

वन महोत्सव का आयोजन

यह योजना सम्पूर्ण प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है। इससे वन तथा वन्य जीवों के प्रति जन जागरूकता बढ़ेगी। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में वन महोत्सव के अवसर वृक्षारोपण का आयोजना करना तथा वन चेतना केन्द्रों का उच्चीकरण का कार्य किया जाता है। योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 में रु० 20.00 लाख व्यय किया गया है।

पौधशाला प्रबंध योजना

परियोजना में आगामी वर्षों के वृक्षारोपण के लिए 8 से 12 फुट ऊॅचाई के पौधों को पौधशाला में तैयार किया जा रहा है। सम्पूर्ण प्रदेश में यह योजना क्रियान्वित की जा रही है।

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