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तेन्दूपत्ता

वनों की गौण उपज में तेन्दूपत्ता का विशिष्ट स्थान है। तेन्दूपत्ता एक प्राकृतिक रुप से उत्पन्न होने वाला पौधा है। इसके पत्तों से बीडी बनायी जाती है। भारतवर्ष में तेन्दूपत्ते के पौधे मुख्यतया मध्य प्रदेश तथा उसकी सीमा से लगे हुए राज्यों बिहार, उडीसा, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, राजस्थान, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश में पाये जाते है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, इलाहाबाद, चित्रकुट, कर्वी, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, झांसी एवं ललितपुर जनपदों में पाये जाते हैं। माह मार्च अप्रैल के महीने में तेन्दू के नये पत्ते निकलते है जो बीडी बनाने योग्य होते है। इन पत्तों का संग्रहण कार्य मई के प्रथम सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह तक किया जाता है। यह कार्य मुख्य रुप से समाज के निर्बल वर्ग के सद्स्यों द्वारा किया जाता है। जिनमें 90 प्रतिशत व्यक्ति अनुसूचित जाति जनजाति तथा आदिवासी परिवारों के होतें है।

तेन्दूपत्ता कार्य का उत्तर प्रदेश वन निगम को आवंटन

उत्तर प्रदेश में 1983 से पूर्व समस्त क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता का संग्रहण एवं विपणन का कार्य उत्तर प्रदेश वन निगम को आवंटित किया गया। तेन्दूपत्ता कार्यों को सुचारु रुप से निष्पादित करने हेतु वन निगम द्वारा तेन्दूपत्ता निर्देशिका तैयार की गयी है। निर्देशिका में दिये गये प्राविधानों के अनुसार तेन्दूपत्ता की कार्यप्रणाली निम्नानुसार रहेगी:-

तेन्दूपत्ता कार्ययोजना

तेन्दूपत्ता कार्यारम्भ से पूर्व प्रत्येक वर्ष माह जनवरी/फ़रवरी में सम्बन्धित क्षेत्रीय प्रबन्धक अपने अधीन क्षेत्र के तेन्दूपत्ता विदोहन/निस्तारण हेतु संगठनात्मक संरचना एवं एक परियोजना तैयार कर प्रबन्ध निदेशक को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करेंगे। प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश वन निगम तेन्दूपत्ता कार्य संचालन हेतु निर्देशिका निर्गत करेंगे।

क्षेत्रीय प्रबन्धक स्वीकृत परियोजना के आधार पर निम्न कार्यवाहियां करेंगे।

कार्य संचालन हेतु आवश्यक कार्मिकों का विवरण तैयार कर अतिरिक्त कार्मिकों की मांग प्रबन्ध निदेशक को प्रेषित करना।

विभिन्न प्रयोज्य सामग्रियों एवं लेखन प्रपत्रों की आवश्यकता की गणना करना एवं आपूर्ति हेतु कार्यवाही करना। (हैसियन बोरों की आपूर्ति की कार्यवाही मुख्यालय द्वारा की जायेगी)

कार्मिकों की तैनाती।

क्षेत्रीय प्रबन्धक स्वीकृत परियोजना के आधार पर निम्न कार्यवाहियां करेंगे।

कार्यारम्भ से पूर्व प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धकों की बैठक आयोजित कर तेन्दूपत्ता कार्य संचालन हेतु निर्देश करना।

तेन्दूपत्ता कल्चर हेतु क्षेत्रों का चयन कर मुख्यालय से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही तथा कल्चर कार्य तेन्दूपत्ता तुडान से 45 दिन पूर्व सम्पादित कराना।

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